कण्वाश्रम से 3 कि0 मि0 कोटदवार की ओर सडक के किनारे स्तिथ है जगदेव मंदिर। ये सडक आगे चल कर कोटदवार डिग्री कालेज के पास से निकलती है। इस सडक को कुछ हद तक पक्का कर दिया गया है पर पूरे वर्ष इस सडक पर यातायात चलने के लिए दो और पुलो का निर्माण जरूरी है। ये मंदिर सडक के किनारे एक छोटे से टीले पर स्तिथ है। मंदिर के किनारे एक बरसाती पहाडी नाला हे जिस मे एक पानी का श्रोत भी है। इस श्रोत से पूरे वर्ष ठंडा, मीठा पानी निकलता है जो कि एक समय मे आसपास के सम्पूर्ण गांवो को पानी की आपूर्ती करता था।
ऐसा समझा जाता है कि ये मंदिर करीब आज से 60 या 70 वर्ष पूर्व स्थापित हुआ है। ये एक बहुत छोटा सा मंदिर है, पर इस के आसपास अब कई भवन बन गये है। आसपास से मिले कई शिलालेख जो कि किसी प्राचीन भवन का भाग रहे होंगे को यहां दिवाल मे चिन दिया गया है। ये शिलालेख वैसे ही है जैसे कि कण्वाश्रम के आसपास से प्राप्त हुए है। ऐसा सम्भव है कि ये शिलालेख मंदिर के पास बहते हुए नाले मे से प्राप्त हुए हो। इस मंदिर के आसपास चन्दन के वृऋ भी है।