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कण्वाश्रम विकास समिति

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१९५६ मे कोटदार से 11 कि0मि0 दूर मालिनि नदी के तट पर स्थित चौकीघट नामक स्थान पर कण्वाश्रम की सांकेतिक मोजूदगी को दर्शाते हुए केन्द्र तथा राज्य सरकार दवारा एक स्मारक की स्थापना की गयी और शिलान्यास किया गया। इस के साथ ही एक समिति का गठन हुआ जिस मे स्थानीय तथा कोटद्वार के कुछ सम्मानित नागरिक थे, जिनके दवारा स्मारक की देख-रेख का दायित्व लिया गया। समिति का नाम कण्वाश्रम विकास समिति रखा गया। समिति का मुख्य उद्देशय भरत की जन्म स्थली को राष्टीय पटल पर लाना। अपने इस दायित्व को निभाते हुए समिति ने सुनियोजित तरीके से हर वर्ष बसन्त पंचमी के मेले का आयोजन करना शुरू कर दिया। सरकार द्वारा शिलान्यास स्थल तथा उसके चारो तरफ़ की भूमि जोकि ०.३६४ हे० है, को समिति को लीज़ पर दे दिया और उस क्षेत्र की देख रेख का दायित्व भी समित को दे दिया गया।

कुछ समय उपरान्त ज़िला प्रशासन के द्वारा मेले के आयोजन के लिए कुछ अनुदान राशी दी जाने लगी। इस के साथ ही सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा इस मेले मे अपनी भागीदारी शुरू कर दी। पशु पालन, कृषि, उद्धयान, स्वास्थ्य जैसे विभागों ने मेले मे अपने स्टाल लगा कर ग्रामीणों को अपने विभाग से सम्बन्धित जानकारी देनी शुरू कर दी।

सर्व प्रथम समिति द्वारा स्मारक का सौन्दर्यीकर्ण कराना था। इस के लिए वन विभाग को सम्पर्क कर उनके सहयोग से 1998 मे परिसर की चारों ओर दिवार, सीड़ियों तथा एक पक्के रास्ते का निर्माण कराया गया। 1999 पूरे क्षेत्र के विकास के लिए समिति दवारा एक एकीकृत विकास योजना तैयार की गयी। इस मे उत्तराखंड सरकार के विभिन्न विभागों का सहयोग लिया गया। इस योजना के अन्तर्गत मालिनी नदी मे एक झूला पुल का निर्माण, एक क्रितिम झील का निर्माण, पर्यटन गेस्ट हाउस मे व्यवस्थाओं को पर्यटक की दृष्टि से ठीक करना, कण्वाश्रम को कोटद्वार से जोड़ने वाली सड़कों को सुधारना, एक ध्यान केन्द्र का निर्माण तथा सम्पूर्ण क्षेत्र का सौन्दर्यीकर्ण का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया ।

इस एकीकृत विकास योजना को शासन तथा सरकार ने गम्भीरता से लिया तथा पर्यटन विभाग को इस पर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा। समिति के अथक प्रयासों के बाद पर्यटन गेस्ट हाउस की हालत मे सुधार किया गया, ध्यान केन्द्र का निर्माण किया गया तथा मालिनी नदी पर पुल का निर्माण किया गया। इस के अतिरिक्त समिति की भीमसिंहपुर ग्राम मे भूमि पर सांसद मे० जनरल बी० सी० खण्डूरी द्वारा सांसद निधि से प्राप्त राशी से एक पुस्तकालय एवम् संग्रहालय का निर्माण कराया गया।

इन सब के अतिरिक्त समिति ने अनेक सामाजिक समस्याओं के समाधन हेतु अन्य संगठनों का सहयोग किया। इस मे मुख्यत हरिद्वार -कोटद्वार -रामनगर मार्ग के निर्माण हेतु आन्दोलन की पहल करना। मालिनी घाटी मे पर्यावरण की संवेदन शीतला को देखते हुए खनन पर सरकार को प्रतिबन्ध लगाने का अनुरोध करना। समिति के सम्मुख अभी अनेक चुनौतियाँ है और उसमें से मुख्यत है "भरत स्मारक" का निर्माण। समिति के अध्यक्ष के दायित्व का निर्वाह करते हुए मुझे पूर्ण विश्वास है कि समिति के प्रयासों के द्वारा वो सभी कार्य पूर्ण होंगे और कण्वाश्रम एक बार फिर इस देश के मानचित्र पर उभर कर आयेगा।

वर्तमान मे कण्वाश्रम विकास समिति के 24 आजीवन सदस्य है।


S.NO. NAME STATUS REMARK
1. Lt.Cdr V.S.Rawat President Retd Naval Officer
2. Shri Charkradhar Sharma Vice president Retd
3. Smt Abha Dabral Gen Sec Social worker
4. Shri C.P. Naithani Sec Retd
5. Shri Mohan Singh Rawat Treasurer Social Worker
6. Shri Sitaram Kandwal Auditor Medical Services
7. Shri B.D.Uniyal Patron Retd Principal
8. Shri T.P.Daundiyal Patron Retd Principal
9. Shri Pratap singh Bist Patron Retd Ex. Eng
10. Shri C.P.kukrati Patron Businessman
11. Shri J.P.Dashmana Member Retd
12. Shri P.S.Rawat Member Retd
13. Dr Y.S.Bist Member DG Med Ser UK(Retd)
14. Shri Rajeeve Bist Member Agriculturist
15. Dr. Jai Singh Rawat Member Medical services
16. Shri R.C.Gaur Member Retd
17. Smt Jamuna Bhaguna Member House wife
18. Shri K.K.Shrivastav Member Lawyer
19. Smt Renu Bist Member House wife
20. Shri Kalash Chand Member. Businessman
21. Dr.N.K.Uniyal Member Med Services
22. Dr D.S.Chauhan Member Retd Principal
23. Shri Burakoti Member Teacher
24. Shri C.M.Binjola Member Retd