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पर्यटक गेस्ट हाउस

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    मालिनी नदी के दाई तट के उठे हुए सुन्दर भू-भाग मे भरत स्मारक के ठीक सामने स्तिथ है गढवाल मंडल विकास निगम का पर्यटक गेस्ट हाउस है जिसमे मे चार भवन है। एक भवन मे चार, डबल बैड के कमरे है। दूसरे भवन मे दो बैड के दो कमरे है तथा कार्यालय है। तीसरा भवन रसोई है तथा चौथा भवन जिसका कि कुछ वर्ष पूर्व निर्माण किया गया है वो एक ध्यान केन्द्र है। पहले तीन वर्णित भवन समभ्वत 1958 के आसपास वन विभाग दवारा अघिकारियो के विश्राम के लिए निर्मित किये गये थे। करीब 25 वर्ष पूर्व इन भवनो को वन विभाग दवारा गढवाल मंडल विकास निगम को पर्यटन को बडावा देने की दृष्टी से हस्तान्तिरत कर दिया। भवनो को अन्दर से पर्यटको के रहने की सुविघा को देखते हुए बदलाव भी किये गये।

    जिस जगह ये भवन स्तिथ वहां आगे का स्थान मे बहुत खुली जगह है और वहां से दृष्य अत्यघिक लुभावना है। भवन तीन तरफ जंगल से घिरे है। भवनो के एक तरफ मृग विहार है। क्षेत्र मे अनेको जंगली जानवरो की आवाजे सुनाई देती है जैसे कि चितल, संभर, हिरण, लंगूर इत्यादि। दिन मे लंगूरो के झुडं वृक्षो पर उछलते कूदते नजर आते हैं। उक्त क्षेत्र मे तेन्दुए का भी आना जाना है। जगली हाथियों की मालिनी नदी मे आवाजाही उनके मल की मौजूदगी से देखी जा सकती है। कुल मिला कर उक्त क्षेत्र मे कई जंगली जानवर मौजूद है तथा करीब 50-60 तरह के पंछी भी। इतने सुन्दर तथा शांन्त वातावर्ण मे स्तथि होने के बवजूद ये स्थान पर्यटको मे लोकप्रीय नही है क्योंक गेस्ट हाउस मे व्यवस्थाओं का अभाव है। रसोई तथा खाने के लिए भवन होने के बावजूद वहाँ पर्यटको के लिए खाने की कोई व्यवस्था नही है।